आजादी के पहले उत्तर प्रदेश का नाम युनाइटेड प्रोविंस (संयुक्त प्रांत) था। आजादी के बाद 24 जनवरी, 1950 को इसका नामकरण उत्तरप्रदेश के रूप में किया गया।
उत्तर प्रदेश का इतिहास भारत के व्यापक इतिहास से बहुत जुड़ा हुआ है। यह 4000 वर्ष पुराना है| पूर्व में उत्तर प्रदेश का क्षेत्र आर्यों या दासों के कब्जे में था और उनका मुख्य व्यवसाय कृषि था। विजय प्राप्त कर आर्यों ने आस पास के क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया। राज्य महाभारत युद्ध का केंद्र था।
उत्तर प्रदेश का इतिहास उत्तर प्रदेश भारत का राज्य कब बना? 1 अप्रैल 1937 को ब्रिटिश शासन ने यूनाइटेड प्रोविंस (United Provinces) नाम से राज्य का गठन किया। भारत की आजादी के बाद 26 जनवरी 1950 को उत्तर प्रदेश नाम से गठन किया गया। लखनऊ को प्रदेश की राजधानी बनाई गई। साथ ही 18 डिवीजन और 75 जिलों में बांटा गया।

उत्तर प्रदेश का इतिहास भारत के व्यापक इतिहास से बहुत जुड़ा हुआ है। यह 4000 वर्ष पुराना है| पूर्व में उत्तर प्रदेश का क्षेत्र आर्यों या दासों के कब्जे में था और उनका मुख्य व्यवसाय कृषि था। विजय प्राप्त कर आर्यों ने आस पास के क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया। राज्य महाभारत युद्ध का केंद्र था।उन्होंने इस क्षेत्र में इसकी सभ्यता की नींव रखी। आर्यों के निवास के दिनों के दौरान ही इस क्षेत्र में महाभारत, रामायण, ब्राह्मण और पुराणों के महाकाव्यों की रचना की गई थी।पहली सहस्राब्दी ईसा पूर्व के मध्य में ऐसा समय था जब उत्तर प्रदेश ने भगवान बुद्ध के आगमन और बौद्धधर्म के प्रसार को देखा। भगवान बुद्ध ने उत्तर प्रदेश के सारनाथ में धामेक स्तूप में अपना पहला उपदेश मगध शासन के अधीन दिया था।चौखंडी स्तूप यहाँ उस स्थान को चिन्हित करता है जहाँ भगवान बुद्ध अपने शिष्यों से मिले थे। कुरु के अलावा, पांचाल, वत्स और विदेह आदि ने राज्य के प्रारंभिक क्षेत्र का गठन किया। इन क्षेत्रों को मध्य देश के नाम से जाना जाता था।अशोक की भूमि का के दौरान, कई लोक कल्याणकारी कार्य किए गए।मगध साम्राज्य के शासन के दौरान, बौद्धधर्म और जैन धर्म इस क्षेत्र में विकसित हुए। यह प्रशासनिक और आर्थिक उन्नति का दौर था।
बाद में सत्ता को नंदा राजवंश और फिर मौर्यों में स्थानांतरित कर दिया गया। हालाँकि यह शहर हर्षवर्धन के शासनकाल के दौरान अपने गौरव के शिखर तक पहुँच गया था। उत्तर प्रदेश की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर मुस्लिम शासन के आगमन से काफी प्रभाव पड़ा।
वह काल राजपूतों की अधीनता का गवाह था, जिसकी सत्ता राजस्थान के कुछ हिस्सों तक सीमित थी। उत्तर प्रदेश मुगल शासन के दौरान और विशेष रूप से सम्राट अकबर के शासन के दौरान समृद्धि के चरम पर पहुंच गया।
समय के साथ, उत्तर प्रदेश मुगल शासन की पतन शीलता और अंग्रेजों के आगमन का गवाह बना। मुगल प्रभाव दोआब क्षेत्र तक ही सीमित रह गया था।
ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी अवध के तीसरे नवाब के शासन काल के दौरान अवध शासकों के संपर्क में आई। इसमें कोई संदेह नहीं है कि उत्तर प्रदेश का इतिहास ब्रिटिश शासन के दौरान और उसके बाद देश के इतिहास के साथ समवर्ती रूप से चला, लेकिन यह भी सर्वविदित है कि राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन में राज्य के लोगों का योगदान महत्वपूर्ण था।राम के शासन से लेकर अंग्रेजों के शासन तक उत्तर प्रदेश ने सब कुछ देखा है।
उत्तर प्रदेश का नाम उत्तर प्रदेश क्यों पड़ा?
राज्य को वैदिक काल में ब्रहमर्षि देश या मध्य देश कहा जाता था। मुगल काल में इसे क्षेत्रीय स्तर पर विभाजित किया गया। उत्तर प्रदेश 24 जनवरी 1950 को अस्तत्वि में आया जब भारत के गवर्नर जनरल ने यूनाइटेड प्राविंसेज (आल्टरेशन आफ नेम) आर्डर 1950 पारित किया। इसके तहत यूनाइटेड प्राविंसेज को उत्तर प्रदेश नाम दिया गया।

लखनऊ (भाषा)। उत्तर प्रदेश सरकार ने आज पहली बार राज्य का स्थापना दिवस मनाया। उत्तर प्रदेश का गठन 1950 में 24 जनवरी के ही दिन हुआ था, लेकिन कम लोगों को पता है कि राज्य का नाम उत्तर प्रदेश कैसे पडा। उत्तर प्रदेश दिवस मनाने का विचार पहले पहल राज्यपाल राम नाईक की ओर से आया। उन्होंने महाराष्ट्र दिवस की ही तरह उत्तर प्रदेश दिवस मनाने का प्रस्ताव किया ताकि राज्य की जनता को अपने प्रदेश के इतिहास और संस्कृति की जानकारी मिल सके। देश के अन्य राज्यों द्वारा स्थापना दिवस मनाये जाने का उल्लेख करते हुए नाईक ने कुछ समय पहले कहा था, ”मुझे यकीन है कि विदेश में रह रहे सभी उत्तर भारतीय उत्तरप्रदेश दिवस मनाना शुरू करेंगे। ठीक उसी तरह जैसे वे राम नवमी और जन्माष्टमी मनाते हैं।” अब तक राज्य में बडी संख्या में लोगों को जानकारी नहीं थी कि उत्तर प्रदेश की स्थापना कब हुई थी। राज्य को वैदिक काल में ब्रहमर्षि देश या मध्य देश कहा जाता था।उत्तर प्रदेश मुगल काल में इसे क्षेत्रीय स्तर पर विभाजित किया गया। उत्तर प्रदेश 24 जनवरी 1950 को अस्तत्वि में आया जब भारत के गवर्नर जनरल ने यूनाइटेड प्राविंसेज (आल्टरेशन आफ नेम) आर्डर 1950 पारित किया। इसके तहत यूनाइटेड प्राविंसेज को उत्तर प्रदेश नाम दिया गया।
उत्तर प्रदेश ने तब से अब तक तमाम बदलाव देखें। उत्तराखंड का गठन भी नौ नवंबर 2000 को उत्तर प्रदेश को काटकर किया गया। उत्तर प्रदेश दिवस के मौके पर आयोजित भव्य समारोह में मुख्य अतिथि भारत के उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू की मौजूदगी में राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदत्यिनाथ ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति या समाज अतीत पर गौरव नहीं कर सकता तो उसका भवष्यि कभी उज्ज्वल नहीं हो सकता।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश का उदय आखिरकार कहां से होता है। ”उत्तर प्रदेश की अधिसूचना 24 जनवरी 1950 को जारी हुई थी।” प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि देश के 24 राज्यों में उनका स्थापना दिवस मनाया जाता था लेकिन उत्तर प्रदेश में हम नहीं मनाते थे। अब इसकी शुरूआत हुई है। नाईक ने कहा कि पूर्व की अखिलेश यादव सरकार से भी उन्होंने स्थापना दिवस मनाने को कहा था लेकिन उनका प्रस्ताव माना नहीं गया। अब योगी सरकार ने इसे स्वीकार किया है। मुख्य अतिथि उप राष्ट्रपति नायडू ने कहा कि उनकी आकांक्षा है